जीवन का एक पन्ना कोरे कोरे सामने पड़ा है। इसे अपनी खुशबू से सुसज्जित करना है, रंगीन कलमो से लेख लिखना है, मन रुझाने वाले कविताएं लिखनी है, फूलों की आकृति बनानी है। मुस्कराते रहना है।
तुम हरसृंगार के फूलों को मोतियों से पिरोना, ओ प्रिये, मैं बालों में शिउली का इत्र बांध घुमुंगी। इस सितम्बर की धूप-छांव और बारिश की आंख मिचौली में, पारिजात मैं दिन भर इश्क इश्क महकुंगी।