Prem Kumar Mittal   (✍Prem Ranz)
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premkumarmittal0@gmail.com
Joined 9 March 2020


premkumarmittal0@gmail.com
Joined 9 March 2020
18 DEC 2022 AT 1:10

Uski hansi ka wo Lamha Aakhiri, Uski Baaton ka wo Lehja Aakhri..,
Ranz na bhool saka Us Shakhs ko kabhi, Uska nahi ho pane ka wo sabab Aakhiri...
Mana rehti hain kuchh kahaniyaan Taaumra Adhoori
Magar Uski Aankhon ka wo Aks Aakhri...
Chasmebaddur si wo raahein wo galiyan Aakhiri,
Uska shehar Uski basti Uske ghar ka rasta Aakhiri...
Mano aaj bhi jaise aawaz de rahi hain,
Tum aao jo Mulakaat ho Aakhiri...
Yoon Zindagi bahut Haseen ab bhi hai Ranz,
Magar uske sath jo bita wo Lamha Aakhiri...
Uski Aankhon ka wo Aks Aakhri...
Uski Baaton ka wo Lehja Aakhri...!

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12 AUG 2022 AT 5:02

साकी अब इस जीवन में हमें क्या ही करना है,
बस उसकी आंखों का सुकून बनना है...
उसकी आवाज़.., साँसें भरती हैं मुझमें,
अब बस उसी का कर्ज अत़ा करना है...

उसका होना है और बस उसी के काबिल बनना है,
जहाँ उसकी खुशी हो बस वहीं बस़र करना है...
कल गऱ वो साथ ना साकी मेरे,
फिऱ बस उसकी यादों में बस़र करना है...

मुझे मत समझाओ सही गलत की परिभाषा,
और ना ही मुझे इससे कुछ लेना देना है...
उसकी आवाज़.., साँसें भरती हैं मुझमें,
अब बस उसी का कर्ज अत़ा करना है...!

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27 JUN 2022 AT 22:33

Kaash aisa mumkim jo ho jaye,
har pal Teri sohbat me guzar jaye..,
main jo loon kabhi aakhiri saans bhi sathi,
Teri bahein mere badan se lipat jayein.., Maula Khwahishein Tamam is dil ki bhale hi hasil na ho;
bas meri Mahobbat uski sohbat mujhe hasil ho jaye..,
Main chhod doon duniya ke sabhi iman-o-dharam,
Uski muskurahtein jo mujhme shamil ho jaye...
Kaash aisa Mumkim jo ho jaye...!

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7 JUN 2022 AT 23:20

तेरी मोहब्बत़ की तलब़ थी इसलिए हाथ फैला दिए;
वरना हम तो अपनी जिंदगी की भी दुआ नहीं करते,

तेरे मिलने पर ही हमने ये जाना ऐ ज़हनसीब़,
मेरे गम़ क्यूँ मुझे तुझसे जुद़ा नहीं करते..,

मेरी कैफ़ियत तो यही थी कि तुझसे बिछड़ जाऊँ,
खुद़ा के मिलाए मगऱ बिछड़ा नहीं करते..,

तेरी ख़्वाहिश़ों से बदस्तूर मेरी दुनिया रंगीन रहती है,
तेरे बिना तो मेरे ख़्वाब भी मुझसे जुड़ा नहीं करते...!

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13 MAR 2022 AT 23:28

Zindagi agar dhadkan hai toh saasein ho tum...
Zindagi agar zakham hai toh marhem ho tum...,
Main Yoon hi nahi kisi se mahobbat karta,
Mere adhoore har khwab ki manzil ho tum...
Haan meri khwahish ho tum...

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25 FEB 2022 AT 12:40

मुश्क़िलों का दौऱ चलता रहेगा,
कांटों से यारी जारी रहेगी..,
साहिल़ मिले ना मिले इस सफ़र का हमें,
रंज़ मगऱ उससे मोहब्बत़ हर वक्त हर हाल में जारी रहेगी...

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20 FEB 2022 AT 0:17

दिल में हमारे उतरकर दग़ा मत करना,
जो ना हो हमसे मोहब्बत़ तो बयां मत करना;
मैं गुज़श्ता वक्त की तरह गुज़र जाऊँगा तेरी महफ़िल से,
रंज़ अगऱ राब्त़ा ना हो तो दुआ सलाम़ भी मत करना...— % &

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4 FEB 2022 AT 0:56

सुबह खिलखिलाती हुई मिलती है मगऱ,
रात उदासी में लिपटी है...
जाने किस गम़ को समेटे,
रात उदासी में लिपटी है...

सुबह हर रोज़ नयी शुरुआत,
हर रोज़ नयी उमंग,
संघर्ष भी है मगऱ, महफ़िलों में बेअसर;
रात, रात तन्हा है मगऱ..,
हर गलती हर ख़्वाब को देखती है...
क्या कमी रही मेरे प्रयास में,
कैसे पहुँचुंगा मैं अपने सपनों के पास में,
बस इसी ख़्याल में;
रात उदासी में लिपटी है...

जाने किसके इंतज़ार में,
रात उदासी में लिपटी है...
जाने किस गम़ को समेटे,
रात उदासी में लिपटी है...— % &

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6 DEC 2021 AT 0:25

सुकून जिसमें उड़ जाता है..,
सूखी प्यासी आंखों में,
सैलाब़ उमड़ के आता है...

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1 DEC 2021 AT 14:51

जिंदगी की हर राह आसान हो जाए,
अगर हुनर जीने का आ जाए...

सुख मिलता है रेत की तरह,
हाथों से फिसलता जाता है...
मिलता है दो पल के लिए,
फिर ओझल हो जाता है...

दुख मिलता है साथी की तरह,
मीलों साथ निभाता है...
बिछड़ता है तो कुछ पल के लिए,
फिर से पास आ जाता है...

दुख में भी सुख ढूँढना जो आ जाए,
गहन ग़मों में भी..,
खुशी के पल चुनना जो आ जाए...
जिंदगी के हर पल को जीना गऱ आ जाए,
जीना आसान हो जाए...

जिंदगी की हर राह आसान हो जाए,
अगर हुनर जीने का आ जाए...!

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