15 DEC 2017 AT 12:31

हर साल दीसंबर आता हैं।
कभी हँसता है,कभी रुलाता है
पर कंबख़्त..
हर साल अकेला छोड़ जाता है।

- प्रवीण रणदिवे Jâäñ