आओ तुमको सुनाये,एक दास्तां क़हर की;लहराती कातिल ज़ुल्फें,और....ये पहली बारिश शहर की ।। - अनजान मुसाफिर
आओ तुमको सुनाये,एक दास्तां क़हर की;लहराती कातिल ज़ुल्फें,और....ये पहली बारिश शहर की ।।
- अनजान मुसाफिर