praveen mishra   (Shivam)
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' एक सवाल है ' तुझसे , मेरे साथ धोखा क्यों ?
Joined 15 May 2018


' एक सवाल है ' तुझसे , मेरे साथ धोखा क्यों ?
Joined 15 May 2018
9 FEB 2021 AT 22:27

आज भी हम तुमसे नफरत करते हैं,,,,

इस खुशी में कुछ मीठा हो जाये!!!!

Happy Chocolate Day 😊😎

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8 FEB 2021 AT 22:18

अभी तो मैं उनकी दोस्ती की ही परीक्षा पास न कर पाया ,,,,,

प्रेम की कक्षा में दाखिला तो बहुत दूर की बात है!!!

खैर........ Happy Propose Day

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12 JUN 2020 AT 1:49

इस ग़मगीन दिल को क्या कहूं कि आराम आये
मैं हाल-ए-दिल जो कह दूं उसको तो आराम आये

मैं रोज़ ये झूठ बोलता हूं कि मुझे फ़र्क नहीं पड़ता
सच में गर जो फ़र्क न पड़े तो आराम आये

गुस्से में प्यार नहीं आता तो न ही सही
प्यार में ही जो प्यार हो तो आराम आये

यूं तो बाहर से सभी खुश दिखते हैं 'शिवम'
हो जो अन्दर से भी खुश तो आराम आये!

– प्रवीन (शिवम)

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4 FEB 2020 AT 1:55

खंजर हर दफ़ा मेरे सीने में चुभे मिले
हम जब भी किसी अपने से गले मिले

जिसे भी अपना बनाया छोड़ गया मुझे
क्यूँ ऐसे ही लोगों से हम भी घुले मिले

राह कोई भी हो सफ़र काँटों भरा ही रहा
क्यूँ भूला मैं तुम भी तो थे उसी राह में मिले

नहीं आस अब किसी से हमको वफ़ा की
आरज़ू है कि अब कभी भी कोई न हमें मिले

–प्रवीन (शिवम्)

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11 SEP 2019 AT 23:11

तुम्हारे ख्यालों में अब के डूबे कुछ इस कदर
कि अब ताउम्र इससे बाहर न निकल सकेंगे

बहुत चाहतें दफन हैं तुम्हारी मेरे सीने में
अब शायद इन्हें कभी बयां न कर सकेंगे

तुम नहीं तुम्हारी तस्वीरें तो हैं हमारे पास
तुम्हारे घर वाले इन्हें हमसे कैसे जुदा करेंगे

मंजिलें ही तो धुंधला गयीं रास्ते ही तो खो गये
ग़र जो रहा सफर तो बस तुम्हारे साथ ही पूरा करेंगे!

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17 JUN 2019 AT 21:58

मैं - हे महादेव! आप कौन हैं और मैं आपके बारे में क्या जान सकता हूँ ?

महादेव - बस तू खुद को जान ले , जिस दिन तूने खुद को जान लिया , फिर तुझे मेरे बारे में जानने की कोई आवश्यकता ही नहीं होगी क्योंकि तू ही मैं हूँ!

🙌 हर हर महादेव 🙌

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16 JUN 2019 AT 19:07

" हर जन्म में आप ही मेरे पिता हों ” – ये बोलने में शायद मुझे खुशी न हो !

लेकिन जिस दिन मेरे पिता जी मुझसे कहेंगे , " बेटा , हर जन्म में तुम ही मेरे बेटे बनो ” – इससे बड़ी खुशी मेरे जीवन में कोई और नहीं हो सकती !!

#प्रणाम " पिताजी "

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16 JUN 2019 AT 18:52

न जाने क्या कर रहा हूँ मैं
ये किस ओर बढ़ रहा हूँ मैं

खुद को समझ नहीं पाया
और दूसरों को पढ़ रहा हूँ मैं।

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9 JUN 2019 AT 11:48

जिंदगी बहुत खुशनुमा है ,,,

हां वो अलग बात है ....

कि मैं झूठ बोल रहा हूं !

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30 APR 2019 AT 16:04

कब तक डूबेगा तू ग़म में किसी के
कभी तो तुझे बाहर निकलना होगा

जब तक है जान खुश रहना सीख ले
आज नहीं तो कल यहां से चलना होगा

लगे कोई जो अपना तो ज़रा बचकर रहना
गैरों से नहीं यहां अपनों से संभलना होगा

न घबरा न डर चलता जा अपनी राह पे
मंजिल तक मुश्किलों से ही तुझे गुजरना होगा

मिलेगी जब मंजिल तो अलग ही सुकूं होगा
तब तक तुझे राह में अकेले ही भटकना होगा !

– प्रवीन ( शिवम् )










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