हमने तब की
मोहब्बत उनसे
जब वो
मासूम हुआ करते थे
तब लब्ज़ की जरूरत
नही पड़ती थी
आँखो से हर एहसास
ब्यान हुआ करते थे
खैर
बात पुरानी हो गयी है
ना जाने
उनकी मासूमियत
कँहा खो गयी है
दुनिया समाज की
फिक्र करने लगी है वो
अब तन्हा सी जिंदगी
हो गयी है मेरी
जब से अकेले मुझे
छोड़ गई है वो
- साहेब