20 NOV 2018 AT 15:51

कुछ किस्से मिलेंगे, कुछ कहानी मिलेगी
कुछ सपनों के राख तुम्हें उसके सिरहाने मिलेंगे
जो कभी मिलोगे उस्से
कुछ रोशनी मे गुज़री अंधेरी रातें मिलेंगी
एक विश्वास मिलेगा खोखला सा
एक उम्मीद मिलेगी टूटी सी
कुछ ख्वाब मिलेंगी बिखरे से
दो आँखे मिलेंगी ज़रा नम सी
एक मुस्कान भी होगी पर झूठी सी
एक लाश भी मिलेगी ज़रा ज़िंदा सी
जो कभी पलटोगे पन्ने उसकी कहानियो के
तुम्हें सबसे हार कर खुद को
संभालने की तरकीब मिलेगी...

- Solitary