17 JUN 2017 AT 9:31

कुछ अपने बैठे हैं और कुछ पराये बैठे हैं ,
कुछ लोग जो खफा हैं नज़रें चुराए बैठे हैं ,
हम आये थे इस महफ़िल में देखने जिसे ,
वो तो दुप्पटे से अपना चेहरा छुपाये बैठे हैं ।

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