जैसे चिट्ठी को अपने अंदर समेट के महफूज़ लिफाफा रखता है ,वैसे बच्चे को , अपने पेट में माँ , और दुनिया में पापा रखता है । -
जैसे चिट्ठी को अपने अंदर समेट के महफूज़ लिफाफा रखता है ,वैसे बच्चे को , अपने पेट में माँ , और दुनिया में पापा रखता है ।
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