3 JUN 2017 AT 14:58

हर शेर सच्चे ईमान से लाता हूँ ,
मैं गज़लें सीधा आसमान से लाता हूँ ,

इतनी भी क्या जल्दी है थोडा सब्र करो ,
तूफ़ान से कश्ती भी मैं इत्मीनान से लाता हूँ ।

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