दूर बैठ कर भी मुझको तब सताने लगती है ,जब दाँतों के बीच वो होठ दबाने लगती है । -
दूर बैठ कर भी मुझको तब सताने लगती है ,जब दाँतों के बीच वो होठ दबाने लगती है ।
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