कभी लड़ते हैं, कभी लड़ने वालों का हौंसला बढ़ाते हैं
कुछ इस तरह फौज़ी अपनी वर्दी का फर्ज निभाते हैं-
Pratik Nagar
(Pratik)
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Writer at Radio Mirchi
Joined 9 January 2018
3 MAY 2020 AT 13:12
14 JAN 2020 AT 16:25
ये उस दौर की बात है
जब आसमान नीला नहीं रंग बिरंगा था
ना ठंड की फ़िकर थी, ना Office का पंगा था
देर रात जाग कर, पतंग को धागे से सजाते थे
बिन Alarm के सूरज से पहले उठ जाते थे
हाथ कट जाते थे, पैर थक जाते थे
चेहरे सबके काले पड़ जाते थे
पर पेंच, फिर भी लड़ाते थे
ये उस दौर की बात है
जब संक्रान्त
फोन पर नहीं, छत पर मनाते थे
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20 MAY 2019 AT 10:47
Bewajah muskurate Hath dikhate
chehre sachhe
Hum sab se achhe school bus se jhaankte bachhe-
23 MAR 2018 AT 16:34
Listener-Karan johar ki jegah kisne chura li?
Me- Bhatt Ne chura li-