Do not try saving a sinking ship,unless you're ready to drown with it... -
Do not try saving a sinking ship,unless you're ready to drown with it...
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ख़ुशी से तुम चहक उट्ठो तो बुलबुल रश्क करती हैंइतने शीरीं तरन्नुम में कोई हँसता हैं क्या जानाँ -
ख़ुशी से तुम चहक उट्ठो तो बुलबुल रश्क करती हैंइतने शीरीं तरन्नुम में कोई हँसता हैं क्या जानाँ
सुर्ख़ियाँ पढ़कर हमारी सुर्ख़ हुई आँखें 'अज़ल'कैसे पढ़ लेते हैं याँ के लोग सब ख़बर-ए-दहर -
सुर्ख़ियाँ पढ़कर हमारी सुर्ख़ हुई आँखें 'अज़ल'कैसे पढ़ लेते हैं याँ के लोग सब ख़बर-ए-दहर
मिस्ल-ए-सावन है कोई शाइर 'अज़ल' है जिसका नामआब-ए-दरिया आब-ए-दरिया में मिलाना उसका काम -
मिस्ल-ए-सावन है कोई शाइर 'अज़ल' है जिसका नामआब-ए-दरिया आब-ए-दरिया में मिलाना उसका काम
कैसे मिलें वो आराइश-ए-चश्म कहीं औरबंगाल से आएँ हैं कहीं और क्यों चलें -
कैसे मिलें वो आराइश-ए-चश्म कहीं औरबंगाल से आएँ हैं कहीं और क्यों चलें
नूर-ए-हुस्न-ए-जानाँ से नूर-ए-चश्म रौशन हैंनूर-ए-दो-जहाँ उसकी ऑंखों की बदौलत हैं -
नूर-ए-हुस्न-ए-जानाँ से नूर-ए-चश्म रौशन हैंनूर-ए-दो-जहाँ उसकी ऑंखों की बदौलत हैं
मैंने ख़ामोशी से पूछा क्यों है सब तुझसे ख़फ़ा मुतमइन ख़ामोशी आखिर क्या ही कहती तू बता -
मैंने ख़ामोशी से पूछा क्यों है सब तुझसे ख़फ़ा मुतमइन ख़ामोशी आखिर क्या ही कहती तू बता
कौन रुस्वा हुआ और किसे होना थाअबस ख़ूबाँ वो हँसा आज जिसे रोना था -
कौन रुस्वा हुआ और किसे होना थाअबस ख़ूबाँ वो हँसा आज जिसे रोना था
अब दिल तरस गया हैं तड़प के लिए 'अज़ल'छलकाओ जाम-ए-इश्क़ कहीं ठोकर कहीं लगें -
अब दिल तरस गया हैं तड़प के लिए 'अज़ल'छलकाओ जाम-ए-इश्क़ कहीं ठोकर कहीं लगें
किस डूबते को तिनका मयस्सर नहीं होताहम भी तो जी रहे हैं शाइरी की बदौलत। -
किस डूबते को तिनका मयस्सर नहीं होताहम भी तो जी रहे हैं शाइरी की बदौलत।