25 FEB 2018 AT 20:45

इश्क़ चीज कुछ यूँ रूहानी है कि
जो दास्ताँ ज़ुबान बयां नहीं करता
अक्सर वह आँखे कह जाती है।

मेहबूब को अगर समझना है
तो लब्ज़ छोड़िये जनाब क्योंकि जज़्बात
अक्सर आँसूओ में बह जाती है ।।

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