24 MAR AT 12:24

कितना आसान होता जीना , ओ
कितनी आसान होती दुनिया
अगर इस दुनियां के दुःख
हुबहू होते

" तुम्हारे दुखों की तरह, "

-


30 JAN AT 21:39

छलकती आँख लेकर के गले से आ लगी मेरे
जकङ कर बाह में मुझको वो धीरे से यूं कुछ बोली
अजब सी ऊब शामिल है अजब सी तिलमिलाहट है
शहर की भीड़ है शामिल मगर फिर भी अकेली है

मैं कहता हूं बड़े लहजे से उस पगली सी लड़की से ;
महीने भर के चांदो में ,
अमावस भी अकेली है औ पूनम भी अकेली है !

-


14 JAN AT 18:49

साहित्य में ,

वियोग श्रृंगार पढ़कर ,सुनकर ओ ' झेलकर '
संयोग श्रृंगार लिखना बिल्कुल वैसा ही है ,

जैसा शहर के किसी चौराहे के सिग्नल पर
बारह साल का अधनंगा बच्चा , हाथों में
चार अंग्रेजी अखबारों की ' आड़ ' लेकर
गठरी भर हिंदी अखबार बेच देता है !

-


9 FEB 2022 AT 23:13

मैं चाहता तो हूं यहा से बाहर निकलना मगर
इन दीवारों पे दरवाजे नजर नहीं आते
तेरे दर पर आते होगे मुसाफिर कई मगर
मेरे जैसे भटके हो वो मुसाफिर नहीं आते
मैं चाहता हूं वापस अपने चेहरे की रंगत मगर
तेरे चेहरे पर वो नजारे नजर नहीं आते और
तुम कहती रहती हो खुद को शागिर्द मेरा
फिर हम दोनों कभी एक सफर पर क्यों नहीं आते!

-


1 FEB 2022 AT 22:54

मैं कह तो रहा हूँ ,मुझसे थोड़ी और नफरत करो
पर ये तेरे दिलासे ,मुझे मेरी ही नजरो से गिराते है !

-


14 JAN 2022 AT 16:52

तुमसे मिलकर उसके सारे
काम अधूरे हो जाते हैं ,
तुमसे मिलकर इस दुनिया के
आदम पूरे हो जाते हैं !
किसको फुर्सत सर टकराये
मंदिर और मजारों से ,
तेरे कांधे पे सर रखकर के
सजदे पूरे हो जाते हैं !

-


10 JAN 2022 AT 21:45

तेरे संग कच्ची सड़कों पे चलकर देखा है
तेरे संग पक्की सड़कों की ठोकर खायी है
ये इश्क, इबादत, प्रेम, प्रपंच सब ठीक है
मुझे तो बस तेरी याद आयी है !

-


8 JAN 2022 AT 19:20

तूने इश्क की जो मिसाल दी है
यकीं कर बेमिसाल दी है !
गुलाबो के रंग भी फीके पड जाते है
देखकर ,
जो तूने मुझे सर्दियो की साॅल दी है !

-


31 DEC 2021 AT 23:50

कैलेंडर बदले , साल बदले
कौन जाने कब ये हाल बदले

-


26 DEC 2021 AT 21:30

मैं जब इक अर्से से खामोश होता हूँ ,
तो सोचता हूं कि अब क्या लिखूँगा !
फिर सोचता हूँ अपनी पिछली मुलाक़ातों को ,
ओ सोचता हूँ कि अब क्या मिलूंगा !
गले, दिल , नजरे , जुबां
सब मिल चुके है पहले ही ,
फिर जेहन दिल तक आके कहता है
कम से कम इस बार तो मैं ' तुमसे ' मिलूंगा !

-


Fetching Prashu Awasthi Quotes