सबकुछ पा लेने में और खो देने में भी कोई महज़ फ़र्क़ न रहा ।।वो एक शक्स था बस जो कभी मेरा होकर भी मेरा न रहा ।। -
सबकुछ पा लेने में और खो देने में भी कोई महज़ फ़र्क़ न रहा ।।वो एक शक्स था बस जो कभी मेरा होकर भी मेरा न रहा ।।
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तेरा शहर छोड़कर अब कहां जाएंगेतुझमें ही बस जायें तुझमें ही समा जाएंगे -
तेरा शहर छोड़कर अब कहां जाएंगेतुझमें ही बस जायें तुझमें ही समा जाएंगे
वो बातें जो कभी हम तुम से कह ही ना पायेंगेंतुम लाख ज़ख्म दे दो हस्ते हस्ते सह जायेंगेएक तेरा चेहरा देखने ही हम मीलों दूर से आये थेक्या पता था कि खाली हाथ ही लौट जायेंगे -
वो बातें जो कभी हम तुम से कह ही ना पायेंगेंतुम लाख ज़ख्म दे दो हस्ते हस्ते सह जायेंगेएक तेरा चेहरा देखने ही हम मीलों दूर से आये थेक्या पता था कि खाली हाथ ही लौट जायेंगे
वक़्त सबकी अहमियत बता जाता हैधीरज रखो वक़्त अच्छे-अच्छों की परख करा जाता है -
वक़्त सबकी अहमियत बता जाता हैधीरज रखो वक़्त अच्छे-अच्छों की परख करा जाता है
तुम अगर इश्क़ हो तो दीदार दोऔर गर जाम हो तो हलक में उतार दो -
तुम अगर इश्क़ हो तो दीदार दोऔर गर जाम हो तो हलक में उतार दो
मेरा वक़्त किसी बाजारू की गुजरी इज्जत नहीं याद रखना एक दिन आयेगा जरूर -
मेरा वक़्त किसी बाजारू की गुजरी इज्जत नहीं याद रखना एक दिन आयेगा जरूर
अच्छे वक़्त में बहुतों ने कसमें खाईं थीमगर बुरे वक्त में कुछों ने ही निभाई थी बुरे वक़्त मेंं अक्सर मैने देखादूर तलक ना दिखी अपनों की परछाई थी -
अच्छे वक़्त में बहुतों ने कसमें खाईं थीमगर बुरे वक्त में कुछों ने ही निभाई थी बुरे वक़्त मेंं अक्सर मैने देखादूर तलक ना दिखी अपनों की परछाई थी
होली के इन रंगों का गुब्बार इस कदर उडायेंकि रंगों में हर धर्म भीग जायेजात,पात,मजहब,धर्म सब फिजूल हैजब तक इन्सान इंसानियत ना अपनाये -
होली के इन रंगों का गुब्बार इस कदर उडायेंकि रंगों में हर धर्म भीग जायेजात,पात,मजहब,धर्म सब फिजूल हैजब तक इन्सान इंसानियत ना अपनाये
कैसे मैं अपनी खुशियों का इज़्हार करूंदूर हूं आज तुझको कैसे मैं प्यार करूंजी तो कर रहा है सर पर बैठाकर घुमाऊं तुझकोप्यार से तेरे माथे को चूम कर जान निसार करूं -
कैसे मैं अपनी खुशियों का इज़्हार करूंदूर हूं आज तुझको कैसे मैं प्यार करूंजी तो कर रहा है सर पर बैठाकर घुमाऊं तुझकोप्यार से तेरे माथे को चूम कर जान निसार करूं