ख़ला को छू के आना चाहता हूँमैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँमेरी ख़्वाहिश तुझे पाना नहीं हैज़रा सा हक़ जताना चाहता हूँ कान्हा -
ख़ला को छू के आना चाहता हूँमैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँमेरी ख़्वाहिश तुझे पाना नहीं हैज़रा सा हक़ जताना चाहता हूँ कान्हा
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बिछड़ना इसलिए दुश्वार हो जाता है मुझकोअचानक अजनबी होना नहीं आता है मुझको Shariq Kaifi -
बिछड़ना इसलिए दुश्वार हो जाता है मुझकोअचानक अजनबी होना नहीं आता है मुझको Shariq Kaifi
बेअसर हो के ये दुआ ने कहा तेरे हिस्से में तो ख़ुदा ही नहीं कान्हा -
बेअसर हो के ये दुआ ने कहा तेरे हिस्से में तो ख़ुदा ही नहीं कान्हा
बदन को और तोड़ेगायूँ बिस्तर पर पड़े रहना हैं ख़ुश आँखों को मूंदे हमहै अच्छा यूँ छुपे रहना हमारे डूबने तक तुमकिनारे पर खड़े रहना नहीं है जो तिरा ' कान्हा 'उसी का क्यूँ बने रहना ?Kanha -
बदन को और तोड़ेगायूँ बिस्तर पर पड़े रहना हैं ख़ुश आँखों को मूंदे हमहै अच्छा यूँ छुपे रहना हमारे डूबने तक तुमकिनारे पर खड़े रहना नहीं है जो तिरा ' कान्हा 'उसी का क्यूँ बने रहना ?Kanha
अपनी क़िस्मत में सभी कुछ था मगर फूल न थे तुम अगर फूल न होते तो हमारे होते नादिर अरीज़ -
अपनी क़िस्मत में सभी कुछ था मगर फूल न थे तुम अगर फूल न होते तो हमारे होते नादिर अरीज़
नए दिन में नए किरदार में हूँ मेरा अपना कोई चेहरा नहीं है कान्हा -
नए दिन में नए किरदार में हूँ मेरा अपना कोई चेहरा नहीं है कान्हा
अब तलक ये समझ न पाये हमग़म तेरा क्यूँ ख़रीद लाये हमइक हवेली थी मोम की अपनीछत पे सूरज उतार लाये हमअब भी बेवक़्त मुस्कुराते हैंतेरे हाथों के गुदगुदाये हमकान्हा -
अब तलक ये समझ न पाये हमग़म तेरा क्यूँ ख़रीद लाये हमइक हवेली थी मोम की अपनीछत पे सूरज उतार लाये हमअब भी बेवक़्त मुस्कुराते हैंतेरे हाथों के गुदगुदाये हमकान्हा
जंग में अक़्ल से अधिक ग़ुस्सासिर्फ़ दुश्मन के काम आता हैجنگ میں عقل سے ادھک غصّہ صرف دشمن کے کام آتا ہے Kanha -
जंग में अक़्ल से अधिक ग़ुस्सासिर्फ़ दुश्मन के काम आता हैجنگ میں عقل سے ادھک غصّہ صرف دشمن کے کام آتا ہے Kanha
हल करने से डरता हूँसब आसान सवालों कोलहरें देखती रहती हैंदरिया देखने वालों कोज़ुल्फ़ें इनसे दूर ना करख़ुश रहने दे गालों कोकान्हा -
हल करने से डरता हूँसब आसान सवालों कोलहरें देखती रहती हैंदरिया देखने वालों कोज़ुल्फ़ें इनसे दूर ना करख़ुश रहने दे गालों कोकान्हा
हरीफ़ों से मिले रहनाअज़ीज़म भी बने रहनाहैं ख़ुश आँखों को मूंदे हमहै अच्छा यूँ छुपे रहना हमारे डूबने तक तुमकिनारे पर खड़े रहना नहीं है जो तिरा ' कान्हा 'उसी का क्यूँ बने रहना ?Kanha -
हरीफ़ों से मिले रहनाअज़ीज़म भी बने रहनाहैं ख़ुश आँखों को मूंदे हमहै अच्छा यूँ छुपे रहना हमारे डूबने तक तुमकिनारे पर खड़े रहना नहीं है जो तिरा ' कान्हा 'उसी का क्यूँ बने रहना ?Kanha