20 JUL 2018 AT 21:59

हुस्न तराशने वाले भी
तेरी राह में हाथ फैलाये बैठे है,
के तू गुज़रे वहाँ से और
तेरे चेहरे का थोड़ा नूर टपक जाए।।

//नासमझ शायर

- नासमझ