तू मेरे श्याम कि मुरली सा है।तू तो बिल्कुल मीरा सा है।सबरी भी है तू तो तू बिल्कुल सुदामा सा है।है मन तू कितना चंचल है।लेकिन तू आज भी कुछ तो अपना सा है। - Pragati S Tripathi✍
तू मेरे श्याम कि मुरली सा है।तू तो बिल्कुल मीरा सा है।सबरी भी है तू तो तू बिल्कुल सुदामा सा है।है मन तू कितना चंचल है।लेकिन तू आज भी कुछ तो अपना सा है।
- Pragati S Tripathi✍