लफ्ज़ों और लहज़ों का ज़रा लिहाज़ रखना, कई मसखरों को खुद मज़ाक बनते देखा है मैंने! -
लफ्ज़ों और लहज़ों का ज़रा लिहाज़ रखना, कई मसखरों को खुद मज़ाक बनते देखा है मैंने!
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चलो बांट लें इश्क़ की जिम्मेदारियां,तुम तारीखें याद रखना, मैं लम्हों का हिसाब रखूंगा!! -
चलो बांट लें इश्क़ की जिम्मेदारियां,तुम तारीखें याद रखना, मैं लम्हों का हिसाब रखूंगा!!
शौक ही बनाना मुझे, आदत न बना लेना,किस्से सा ही रखना, हिस्सा न बना लेना,मुसाफ़िर सा हूं, ठहरता नही ज़्यादा,सराय इक बनाना,दिल के कोने में,भूल से कहीं वहां,मेरा 'घर' ना बना लेना!— % & -
शौक ही बनाना मुझे, आदत न बना लेना,किस्से सा ही रखना, हिस्सा न बना लेना,मुसाफ़िर सा हूं, ठहरता नही ज़्यादा,सराय इक बनाना,दिल के कोने में,भूल से कहीं वहां,मेरा 'घर' ना बना लेना!— % &
सांसे कुछ रुक-रुक कर आ रही हैं आज,क्या फिर मेरे किसी खत को मरोड़ा है तुमने?? -
सांसे कुछ रुक-रुक कर आ रही हैं आज,क्या फिर मेरे किसी खत को मरोड़ा है तुमने??
We find it cute if a child acts mature,But expect an adult to not behave childish! -
We find it cute if a child acts mature,But expect an adult to not behave childish!
बेवफाई का सबूत काफ़ी पहले ही मिल चुका था,बर्फ के गोले पर हमेशा अलग रंग पसंद था उसे! -
बेवफाई का सबूत काफ़ी पहले ही मिल चुका था,बर्फ के गोले पर हमेशा अलग रंग पसंद था उसे!
कुछ महकी सी बौछारें,फिर से आज बरसी हैं,झटकने अपनी जुल्फें शायद वो,फिर आज छत पर गयी होगी। -
कुछ महकी सी बौछारें,फिर से आज बरसी हैं,झटकने अपनी जुल्फें शायद वो,फिर आज छत पर गयी होगी।
Be my guitar tonight! -
Be my guitar tonight!
खुद ही के अक्स में दिखता है एक और भी शख्स,मेरे आईने को भी शायद, उनसे मुहब्बत हो गई है! -
खुद ही के अक्स में दिखता है एक और भी शख्स,मेरे आईने को भी शायद, उनसे मुहब्बत हो गई है!
उस सुर्ख दुपट्टे के किनारों को जब तुम,बेवजह अपनी उंगलियों में लपेट रही थी,तुम्हारी कशमकश के उस लम्हे में ही,मैं बहुत कुछ मुकम्मल कर चुका था! -
उस सुर्ख दुपट्टे के किनारों को जब तुम,बेवजह अपनी उंगलियों में लपेट रही थी,तुम्हारी कशमकश के उस लम्हे में ही,मैं बहुत कुछ मुकम्मल कर चुका था!