वो चुपचाप मेरी नींदें फ़ना कर के आज फिर बेफ़िक्री से सो गया वो बातों का क़िस्सा जो शुरू हुआ था आज फिर बीच मंझदार में खो गया... वो तो अच्छा हुआ जो आज अमावस ना थी चाँद आसमान में था और मेरे पास... उसे निहारने की वजह थी !! - The Gatsby Girl
वो चुपचाप मेरी नींदें फ़ना कर के आज फिर बेफ़िक्री से सो गया वो बातों का क़िस्सा जो शुरू हुआ था आज फिर बीच मंझदार में खो गया... वो तो अच्छा हुआ जो आज अमावस ना थी चाँद आसमान में था और मेरे पास... उसे निहारने की वजह थी !!
- The Gatsby Girl