10 DEC 2017 AT 21:36

इंसानियत का लिए बोझ फिरता हूँ
अपने आप को लिए रोज़ फिरता हूँ
खुद को खोया था उसमें कभी
अपनी ही करते खोज फिरता हूँ

- Piyush