इंसानियत का लिए बोझ फिरता हूँअपने आप को लिए रोज़ फिरता हूँखुद को खोया था उसमें कभीअपनी ही करते खोज फिरता हूँ - Piyush
इंसानियत का लिए बोझ फिरता हूँअपने आप को लिए रोज़ फिरता हूँखुद को खोया था उसमें कभीअपनी ही करते खोज फिरता हूँ
- Piyush