संघर्षमय जीवन है,
परिवर्तनशील है हर पहर
सपने पूरे करने हों,
या हो जिम्मेदारियों का कहर
छोड़कर जाने पड़ते है
वो गली वो चौबारे,
बचपन केदोस्त , मां-बाप
और अपना घर
फिर कहीं यादों में समा जाता है
एक भूला हुआ शहर ।।-
कवि नहीं शायर नहीं मैं एक छोटा सा कलाकार
दो साथी उनसे प्रेम मुझे कागज... read more
यह जो ढेर है पैसों के आज
कल भी रहेंगे क्या भरोसा है
बड़े-बड़े घर हो और मखमली बिस्तर
मगर नींद चैन की ना ले पाए तो व्यर्थ पैसा है
चीजें छोटी ही सही मगर सुकून हो तो मजा है
यह जो अपनों की भीड़ है आज
पैसों के साथ चली जाएगी, फिर
पैसों वाली खुशी का क्या भरोसा है-
Father is visible God
In This Entire World
Love You Papa
Forever...... ❣️-
ऋतु बदलने का इंतजार नहीं रहता,
तुम्हारे प्यार की बारिश हो तो
हर मौसम सावन है मेरे लिए.....🎶-
*क्या तुम अब भी अंधेरों से डरते हो*
अंधेरों से डरते क्यों हो ?
एक मुसाफिर की नजर से देखो
कितनी शांत होती हैं ये रातें ,
प्रेरित करती हैं, एकाग्र चिंतन के लिए ,
स्वयं के बारे में सोचने के लिए ।
क्या कहा !
अकेले हैं हम
भाई गलत हो तुम ! काफिला खड़ा है,
जरा बालकनी से झांककर तो देखो ।
आहा !
खुला आसमा, आंचल में चमचमाते सितारे लिए
चांदनी की रौशनी में
तुमसे मिलने आई है ,
प्रकृति की एक झलक ।
देखो तो ,
ये रात भी कितना सजती सवरती है
हर रोज हमारे लिए ।
ऐसा लगता है वह भी आतुर है
बात करने को,
कहो ...........
क्या तुम अब भी अंधेरों से डरते हो-