20 JUL 2018 AT 22:57


सुनो पंक्तियों नाज़-ए-हुस्न तुम्हे होगा,
वो कागज़ के टुकड़े हजार कर जायेंगे..!
- ✍ मृदुंग®
kshanatch@gmail.com
+९१ ७३८७९ २२८४३

-