तेरे और मेरे दरमियां,रोज लफ्जों की दीवार बनाते हैंजज्बातों की आंधियों से दीवार गिरते ही,तुम मैं और मैं तुम हो जाते हैं।। - © Piyush Gupta
तेरे और मेरे दरमियां,रोज लफ्जों की दीवार बनाते हैंजज्बातों की आंधियों से दीवार गिरते ही,तुम मैं और मैं तुम हो जाते हैं।।
- © Piyush Gupta