मन मौजी   (Pandit🍁)
415 Followers · 1 Following

16 JUN 2022 AT 16:15

उलझा हुआ हृदय यानी ग़लतियों की दल-दल,
ऐसी गलती जो आत्मसम्मान को ध्वस्त कर ,
मन को द्रवित कर दें !

-


13 MAR 2022 AT 9:18

स्त्री एक बहुत बड़े
विस्तार का खेत बन जाती है !

अनुशीर्षक पढ़ें 👇

-


16 FEB 2022 AT 15:54

प्रेम में परिस्थिति का अनुकूल होना
प्रेमियों का ज़ेवर होता है !

-


24 JAN 2022 AT 20:04


तुम्हे दुआओं में हाथ उठा नही मांगा कभी,
सुना है ख़ुदा हर जगह मौजूद है !

-


18 JAN 2022 AT 16:58

अनुशीर्षक पढ़ें 👇

-


29 DEC 2021 AT 17:28

अनुशीर्षक पढ़ें 👇

-


23 DEC 2021 AT 14:44

कभी यूं भी तो हो ,
कि कोई मुझसा हवाओं के झोंको के साथ आये और कहे कि मैं तुम्हारे जज्बात समझती हूं, और डाल दे मेरे हिस्से की सारी खुशी मेरी झोली में, और कहे कि तुम जीना शुरू करो मैं साथ खड़ी हूँ ,हर कदम- हर मोड़ पे तुम्हारे साथ , कभी यूं भी तो हो
कि कोई इस नाफ़रमानी में हाथों में फ़रमान लिए आये और कहे कि सौंप चुकी हूं पूरी तरह तुम्हे खुदको ले चलो इस तैरती धरा से उन ठहरे आसमानों तक , हर सफ़र के हमसफ़र करार हो तुम !
कभी यूं भी तो हो ,

-


26 SEP 2021 AT 10:04

तुम्हे आरजू न थी !

( Read the caption 👇)

-


22 SEP 2021 AT 13:55

कलम तुम रोज आया करो,
कुछ दर्द और कुछ यादें लिखनी होती है !

-


21 SEP 2021 AT 22:06

एक पल के लिए क़िरदार बदले थे मेरे , मैं नही !
मैं तो वही तपा हुआ पत्थर हूँ जो एक अर्से से ठोकरें खाए चट्टान बना था !!

-


Fetching मन मौजी Quotes