Pinky Kadve   (©pinky kadve)
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Joined 13 July 2017


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Joined 13 July 2017
9 JAN 2022 AT 22:21

सोचती हूं कि
नकारात्मक ख्याल ही
तो जीवन में आगे नहीं
बड़ने देते
फिर लगता है कि इनका
होना भी उतना ही जरूरी है
जितना कि सकारत्म भाव
क्योंकि यह उन परिस्थितियों
से आगाह करते है जो भविष्य में
हो सकती है
कुल शब्दों को समेंट कर लिखूं तो
नकारात्मकता है तो ही सकारात्म
प्रभाव का मूल्य इंसानी मस्तिष्क
है।

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31 DEC 2021 AT 18:07

इन आँखों में
काजल जचता नहीं है
शायरा
शायद इसलिए आसूओं के
संग
बह जाया करते है ....

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18 OCT 2021 AT 23:53

यूं तो गुलाब
बेहद ख़ूबसूरत है
वक्त की मार तो
देखाें
चंद काटे नसीब
से क्या जुड़े
वो बेचारा
प्रियसी तितली
को भी छाया
न दे सका ।

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18 OCT 2021 AT 23:30

अतीत के
पन्नों पर चाहे
कितनी ही
सिलवट क्यों
न हो
ऐसा लगता
है जैसे
कल ही कि
तो बात
थी

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30 SEP 2021 AT 21:17

एक किताब है
जिस पर लेखक का नाम नहीं
कुछ शब्द हैं
जिसकी कोई पहचान नहीं
एक अंक है
जिसका कोई अनंत नहीं
एक आरज़ू है
जिसका कोई मकाम नहीं
एक हवा है
जिसकी कोई दिशा नहीं
एक चांद है
जिसका कोई आकर नहीं
एक बदल है
जिसका एक चेहरा नहीं
एक ज़मी है
जिसका कोई अंत नहीं
एक प्यार है
जिसकी कोई निश्चित परिभाषा नहीं
एक आईना है
जिसकी कोई प्रतिबिंम नहीं
एक मिराज है
जिसमें पानी नहीं
एक मैं हूं
जिसकी कोई कहानी नहीं
~ Pinky

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22 SEP 2021 AT 16:58

झुके नैन है
मौन अधर है
अश्रु अब बैचेन
बहुत है।
वक्त की ही माया है
कौन है जो कटघरे
से अछूता रह पाया है ।
किंचित-परन्तु
की अब बात नहीं है
ज़ुबां का भी तो
यहां मोल नहीं है।
खामोशियों में
शोर बसा है
प्रकाश पर अंधेरे
यह कैसा पहरा है।
मोह का पर्याय नहीं है
लेकिन ये सच है
कि प्रेम से दूजा भाव
नहीं है।



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18 AUG 2021 AT 20:05

इन दिनों तुम ख्यालों में आने लगे हो
ये ख़्याल भी कितना खूबसूरत है

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16 AUG 2021 AT 22:32

तू किसी यक्ष के प्रश्नों का
मुश्किल से मिलने वाला
जवाब सा है...
कभी मौन सा
तो कभी लहरों के गुनगुनाते शोर सा
कभी बारिश में
मिलने वाली पहली बूंद के
सुकुन सा
मुश्किल हो जाता है शब्दों में लाना तुझको
गुरूर हो जाता है कभी
देख कर अपनी बाहों में तुझें
तू हर लिहाज से भाता है
दिखावा तनिक नहीं करता
बेबाक़ी से हर बात
बोल जाता है
लेकिन मेरे सामने होने पर
शर्मा जाता है ....

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23 JUL 2021 AT 23:24

रुक
सी गई हूं
फिर किसी मुस्कुराहट में मैं
सोचती हूँ कि
कोई हाल न पूछ लें
इस दिल का
डर है
कि मेरी खामोशियाँ ही
न बोल पड़े
जवाब में उसका नाम
लेकर
वो जिनका नाम लेने तक को
मैंने अपने हर हर्फ़ को
मना कर रखा है।

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23 JUL 2021 AT 22:04


मैं जहाँ हूँ ,
खबर है कि वहां नहीं हूँ मैं ...
मैं वहाँ हूँ ,
जहाँ नहीं हूं मैं ...

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