वीकेंड में दोस्तों के साथ शराब पीते
सैलरी-सेविंग-इंवेस्टमेंट की बात करते
अपनी पहली प्रेमिका को याद करके
ठहाके लगाते, आँसू बहाते
किसी दोस्त को चुप कराते
थक जाते हैं लड़के

अपनों की खुशियों में अपनी खुशी ढूंढते
ज़िम्मेदारियाँ निभाते
ईएमआई चुकाते
उम्र से पहले बूढ़े हो जाते
पिता की छवि को आँखों में भरके
एक दिन चुपचाप
मर जाते हैं लड़के

- Piyush Mishra