शब-ए-विसाल आई और आकर टल गईखाली मिला मुझको फिर ये पैमाना भीतू अज़ीज़ भी है मुझको आज़ार भी है मेराकि क़ातिल है तू मेरा तू ही दीवाना भीरक़्स करता था माज़ी अब रश्क करता हैदिलचस्प हुआ है देखो अब ये अफ़साना भी - Piyush Mishra
शब-ए-विसाल आई और आकर टल गईखाली मिला मुझको फिर ये पैमाना भीतू अज़ीज़ भी है मुझको आज़ार भी है मेराकि क़ातिल है तू मेरा तू ही दीवाना भीरक़्स करता था माज़ी अब रश्क करता हैदिलचस्प हुआ है देखो अब ये अफ़साना भी
- Piyush Mishra