मेन रोड से अंदर की ओर जाने वाली गली में वो अपनी सहेली के साथ बड़ी बेचैनी से टहल रही थी, जैसे कि इंतज़ार हो किसी का।
तभी साईकिल से एक लड़का अपने दोस्त के साथ आया और गली के दूसरे छोर पर ही रुक गया। लड़की की आँखों में एक चमक सी आ गई। लड़के ने पॉकेट से एक चॉकलेट निकाला और लड़की की तरफ़ बढ़ाया। लड़की ने इशारों में ही कहा "ये मैं नहीं ले सकती, मैं तो बस तुम्हें देखने आई थी।" लड़का आँखों ही आँखों में ज़िद करता रहा, लड़की इशारों ही इशारों में 'ना' बोलती रही।
लड़के के दोस्त ने उसके कान में कुछ कहा। लड़का वो चॉकलेट पास की दीवार पर रख कर चला गया।
लड़की ने अपनी दोस्त को देखा, मुस्कुराई और आगे बढ़ कर दीवार पर से चॉकलेट उठा कर मुस्कुराते हुए चली गई।
थोड़ी देर बाद साईकिल वाला लड़का फिर आया। दीवार पर चॉकलेट वाली जगह को खाली देखा और मुस्कुराता हुआ चला गया।

- Piyush Mishra