"किन्तु यात्री! जो यात्रा में ना रहा क्या इतिहास उसे समान मान देगा क्या?"
"यात्रा में कौन नहीं है मित्र?"
"म... मैं! मैं तो मात्र अपना जीवन जी रहा हूँ। "
" अत:"
"अर्थात्? "
"जीवन समय ही तो है"
"और समय क्या है?"
"यात्रा!"

- Piyush Mishra