एक मक्खी बैठी है सीने पर मेरेउड़ाता हूँ, फिर-फिर लौट आती हैउदासी की तरह! - Piyush Mishra
एक मक्खी बैठी है सीने पर मेरेउड़ाता हूँ, फिर-फिर लौट आती हैउदासी की तरह!
- Piyush Mishra