आसमान में फैले कूड़े से लेकर
उंगलियों के बीच की जगह तक-
सब कुछ बिकता है

बरसों बाद
हम किसी दोस्त से मिलने जाते हैं
और चकित रह जाते हैं
जब घर की जगह
दुकान पाते हैं

क्या सचमुच
इतना कुछ है बेचने के लिये?

- Piyush Mishra