कहने को दर्द नही है,
फिर भी बता रहा हूँ!!
जग हरने तक की ख़ुशी है,
फिर क्यूँ छुपा रहा हूँ?-
साथ तुम्हारे हम रहेंगे,
जब तक हो सके हम
अपनी आवाज बुलंद रखेंगे,
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कुछ नया नही है
मेरा इक तरफा गुम होना,
चाँदी की सोख सी
खुद को तकलीफ़ देना,
आपके साथ भी,
किसी और के साथ भी,
आपने आप को फिशलने से रोकना,
-
अब तो बस जीना है,
बैगर तेरे टुकड़े में रहना है,
दर्द हो ना जाए जब तक नासूर,
अपनी आरज़ू सीना है।-
बेशक हम आपके खास नही है!!
तभी तो हमसे जुड़े कोई जज़्बात नही है!!
कितनी छलांग लगाउ
कि थोड़े पास आ जाए,
टूटे भी ना अरमान दोनों के
और हम एक साथ हो जाए!!-
मैंने जिसकी रह देखी थी!!
वही अंजान शख्स हो तुम!!
थोड़े मार्मिक ज्यादा शैतान हो तुम!
सच है कि तुम्हारे चेहरे से ज़्यादा
आँखों की लालिमा सोची थी!!
उसी लालिमा के जालदार हो तुम!!
थोड़े माशूम ज़्यादा इश्क़ के सूबेदार हो तुम!
काले-नीले झलकते रंग,
काइयों मे कई बार देखा था!!
पर गुलाबी ग़ुलाल के हकदार हो तुम!!
थोड़े सयाने ज़्यादा मदहोश हो तुम!-
वो छिटके ग़ुलाल
चेहरे से गिरकर
जो कमीज पे आई!!
बा खुदा!
तेरी अदा भी हमें खूब भाई!
तुम सोच रहे होंगे,
मेरा ध्यान तुमपे कहाँ होगा!!
मगर,
तुम्हारी लहजे से मुश्कुराए
ढंग को ना सोचने पर अपमान होगा!!
मेरी नज़रें भी तुमसे,
तुम्हारी भोंहैं की तरह जा टकराई है!!
मेरे मन की नींद व
जी की होश उडाई है!!
-
लो आ गई मैं,
हाँ वही छाजे के कोने में,
जहाँ की ईटों को हटाकर,
हम निगाहें मिलाया करते थे,
-
गुजरते वक़्त के साथ, मेरा मन भी बदल गया,
ख्वाहिशें जो थी, वो भी दहल गया,
अब सुन-शान और बेखबर मन ,
किस ओर मुड्डे , इस कसमकश् में शरीर पिघल गया-