कहीं धूप कहीं छांव
कहीं आंसुओं की बाढ , तो कहीं मुस्कुराहट की फुहार
कहीं खुद से लड़ रहा कोई, तो कहीं खुद से जीत रहा कोई
कहीं मन की आवाजों का शोर, तो कहीं गहरा सन्नाटा
कहीं अनकहे अफसानों का बोझ, तो कहीं बेफ़िक्री का उल्लास
यही ज़िन्दगी का मौसम है,
कभी बरसता है , तो कभी सुनहरी धूप है
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