कैसे तलाशूँ दुनिया की भीड़ में तुझे बसता तो हरदम मेरे ज़हन में है तूखोजती निगाहें नासमझ हैं जरा ।। - 3.8.2017 - पारुल भार्गव©️
कैसे तलाशूँ दुनिया की भीड़ में तुझे बसता तो हरदम मेरे ज़हन में है तूखोजती निगाहें नासमझ हैं जरा ।। - 3.8.2017
- पारुल भार्गव©️