सिर्फ साल बदलने से कुछ नहीं होता दोस्तों
बदलनी हो किस्मत तो रातों रात बदल जाती है
जिंदगी की शतरंज का खेल ही कुछ ऐसा है
कभी मोहरे तो कभी बिसात बदल जाती है
जब छाया की हो चाह तो तपती है दोपहरी
भीगना जो चाहो तो बरसात बदल जाती है
मुश्किल है नफरत से एक इंसान भी बदलना
प्यार से चाहो तो कायनात बदल जाती है
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