परत दर परत खुद को उधड़ते देखा हैअपना दिल उसके सीने में धड़कते देखा हैना जाने इस बार किसका आशियां जलाएगा घने जंगल में उसे पत्थर रगड़ते देखा है -
परत दर परत खुद को उधड़ते देखा हैअपना दिल उसके सीने में धड़कते देखा हैना जाने इस बार किसका आशियां जलाएगा घने जंगल में उसे पत्थर रगड़ते देखा है
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