23 AUG 2017 AT 21:43

परत दर परत खुद को उधड़ते देखा है
अपना दिल उसके सीने में धड़कते देखा है
ना जाने इस बार किसका आशियां जलाएगा
घने जंगल में उसे पत्थर रगड़ते देखा है

-