मुहब्बत दुनिया में उतनी ही हैजितनी तुम पढ़ते होया जिसमें तुम पड़ते हो -
मुहब्बत दुनिया में उतनी ही हैजितनी तुम पढ़ते होया जिसमें तुम पड़ते हो
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