30 SEP 2021 AT 14:02

जिंदगी भी ना जाने क्या क्या
अपने रंग दिखाती है
सांस चलती रहती है
पर
दुनिया ही उजड़ जाती है
जो ख्वाबों ख्यालों में सोचा भी न हो
जब
वो सच हो जाता है
कैसे बयां करे
क्या से क्या
हो जाता है
आंखो में ही दिल का सारा
दर्द नजर आता है
टूट से हम जाते है
कुछ यूं बिखर से जाते है
दिल के जज्बातों को हम
लफ्ज दे ना पाते है
रब से भी क्या शिकायत हम करे
रब ही है जो ये दर्द हमें
सौगात मे देते ही चले जाते है

- Khawahishon ke "Pankh"