18 JUL 2018 AT 21:39

दिन बीत गये कई खामोशी में
कुछ कहा नही कुछ सुना नही.
कोई पूछ-परख मे बोला भी
तो रह गया अनसुना कहीं.
चलो एक बार से फिर
दो बातें मिलकर करते हैं.
भटक गये थे कुछ पल जिससे
फिर से उसी राह पर चलते हैं...

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