Pankaj Pandro  
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Joined 27 November 2017


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Joined 27 November 2017
15 FEB 2023 AT 1:32

बता दो ...
रात चढ़ने को है
या रात ढलने को है?
कुछ किताबें पढ़ चुका हूं
अभी भी, कुछ किताबें पढ़ने को है।
भूलने लगा हूं मैं बातें
कोई तो लिख ले जरा।
लड़खड़ाते अब भी हैं हम
ये कदम संभलने को हैं।

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6 FEB 2023 AT 1:03

ख़्वाब ही गर होता तो,
शायद कुछ हसीन भी हो सकता था।
लेकिन एक डर सा कुछ,
मन में यूं समाया है।
आज बैठ अकेले मैंने
बीते कल को देखा ।
और आने वाले कल पर भी
सवाल निकल कर आया है।

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16 DEC 2022 AT 0:11

कुछ नयन निहारते
बस इस आस में हमें।
कि हम नकल भी कर सकें
दे दो मौका कुछ समय।
हमने भी मिला कर नजरें
बस कहा था इतना ही,
कि आवाज़ हो ना कुछ की भी
कोई नकल भी ना करें।

हमारी ना में थी जो हां छुपी
समझे कुछ, और कुछ नहीं
हम भी गुजरे हैं ऐसे दौर से
क्या तुमको समझेंगे भी नहीं
फिर...
नजर उठी कलम रुकी
नजर झुकी कलम चली
दिखा तो वैसे बहुत कुछ हमें
पर हम थे जैसे कुछ दिखा नहीं।

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8 DEC 2022 AT 17:50

कहते हैं
कि, जो होता है अच्छे के लिए होता है।
सही कहते हैं।
लेकिन किसके अच्छे के लिए होता है?
ये नहीं कहते हैं।

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30 NOV 2022 AT 23:27

Retirement.

सब तारीफ कर रहें हैं कि पंद्रो sir के कार्यकाल में क्या किया उन्होंने। लेकिन शिकायत कोई नहीं।
तो घर का सबसे छोटा होने की वजह से ये हक मुझे मिलता है।।।


RRB को समर्पित
आपके ये 38 साल 8 महीने और 25 दिन
जिसमें आपका पहला परिवार आपका बैंक रहा फिर हम।
हां आपने Sunday भी बैंक के ही नाम ही किया
अब Sunday कौन काम करता है??
तभी तो मैं कहता था की "पापा बैंक से छुट्टी लेकर बैंक का काम करने बैंक जाते हैं।"
Late night घर आना ताकि बैंक का काम targets सभी काम पर हों
जैसे, केवल सोने के लिए ही आप घर आया करते थे। दिन का अधिकांश समय बैंक।

खैर हम परिवार हैं तो हमारा नजरिया अलग। और बैंक के प्रति आपका दायित्व अलग
शिकायत नहीं बस देख रहा हूं कि अपने कार्यकाल में आपका बैंक के प्रति समर्पण।

आपके स्टाफ और अन्य के लिए it's like Happpy retirement for you ..... But for me it's "welcome home papa"🎉💐💐💐💐💐

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25 NOV 2022 AT 16:13

जीवन में हमेशा खुश रहिए.
क्योंकि...
...
...
बस खुश रहिए ना यार।
बात खत्म।

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20 OCT 2022 AT 15:06

मुझसे जो कुछ है छूटा,
वो जिसको मिला हो।
मेरा तो गया, चल
कुछ उसी का भला हो।

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17 OCT 2022 AT 19:55

याद तो अब भी आती है
पर अब तू मेरे साथ नहीं।
तू साथ कहीं किसी और के है
और मैं तुझको अब याद नहीं।

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7 AUG 2022 AT 14:33

ना कमी कोई
ना फिक्र कहीं
बीती बातों का
ज़िक्र नहीं

मैं इस पल खुश हूं
सब से, खुद से भी
फिर भी धड़कने
हैं क्यों बढ़ी हुई?

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30 JUL 2022 AT 18:57

Neither I'm hungry for your attention.
Nor wanna be ignored.
So notice that I'm there too.
Otherwise, I do not stay there anymore.

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