28 SEP 2017 AT 0:14

तुम कहते हो गम बाँट लो दोस्त,

दिया गम बाँटने का हक़ तुमको - ए - दोस्त,
पर मेरे गम पर मरहम मत लगाना दोस्त,
इसी के सहारे जी रहा हूँ मैं हर रोज़।।

- P. S. Chawla✍