15 JUL 2018 AT 17:20

ये राहें मुहोब्बत की,बड़ी गुमनाम हैं 'साहिब'।
जो चल दिया इनपे,'मुसाफ़िर',मंज़िल न फ़िर पाये।।

- नफ़स