हैं मेरे कुछ और दिवाने भी लेकिनवो मेरा कुछ ख़ास दिवाना लगता हैमुझको तो नाकाम मोहब्बत लगती हैऔरों को दिलचस्प फ़साना लगता है -
हैं मेरे कुछ और दिवाने भी लेकिनवो मेरा कुछ ख़ास दिवाना लगता हैमुझको तो नाकाम मोहब्बत लगती हैऔरों को दिलचस्प फ़साना लगता है
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वो बाहों में आए ये चाहत बहुत हैमगर इस मुहब्बत में लागत बहुत है -
वो बाहों में आए ये चाहत बहुत हैमगर इस मुहब्बत में लागत बहुत है
उसी इक शख़्स ने मेरा सुकूँ हर बार लूटा हैमुहब्बत तो हुई इक बार दिल सौ बार टूटा है -
उसी इक शख़्स ने मेरा सुकूँ हर बार लूटा हैमुहब्बत तो हुई इक बार दिल सौ बार टूटा है
उसे फिर से गवारा कर रहे हैंमुहब्बत हम दुबारा कर रहे हैंबुरा सौदा इश्क़ है जान कर भीखुदी अपना खसारा कर रहे हैंउधर तुम हो गए हो ख़ुद किसी केइधर ख़ुद को तुम्हारा कर रहे हैंखुशी 'एहसास' अपनी तुम संभालोबहुत से ग़म इशारा कर रहे हैं -
उसे फिर से गवारा कर रहे हैंमुहब्बत हम दुबारा कर रहे हैंबुरा सौदा इश्क़ है जान कर भीखुदी अपना खसारा कर रहे हैंउधर तुम हो गए हो ख़ुद किसी केइधर ख़ुद को तुम्हारा कर रहे हैंखुशी 'एहसास' अपनी तुम संभालोबहुत से ग़म इशारा कर रहे हैं
बुझती हुई सी आग को हवा न दीजियेजब ज़ख़्म दे चुके हैं तो दवा न दीजिये -
बुझती हुई सी आग को हवा न दीजियेजब ज़ख़्म दे चुके हैं तो दवा न दीजिये
काम यह भी मुश्किल के बग़ैर कर दियाकि तुमने शुक्रिया कह कर ग़ैर कर दिया -
काम यह भी मुश्किल के बग़ैर कर दियाकि तुमने शुक्रिया कह कर ग़ैर कर दिया
यूँ बे-रुख़ी से हम से क्यूँ पेश आ रहे होसीने से लगने वाले हाथ अब मिला रहे हो -
यूँ बे-रुख़ी से हम से क्यूँ पेश आ रहे होसीने से लगने वाले हाथ अब मिला रहे हो
बेवजह दिल की दीवारें खरोचता हूँमैं सोचता हूँ कि उसे क्यूँ सोचता हूँ -
बेवजह दिल की दीवारें खरोचता हूँमैं सोचता हूँ कि उसे क्यूँ सोचता हूँ
इक सूखा हुआ गुलाब रक्खा हैऔर इक तस्वीर दबा रक्खी हैअपनी सारी मुस्कुराहट हमनेइक डायरी में छिपा रक्खी है -
इक सूखा हुआ गुलाब रक्खा हैऔर इक तस्वीर दबा रक्खी हैअपनी सारी मुस्कुराहट हमनेइक डायरी में छिपा रक्खी है
मंज़िल की तलब थी हमें इस कदररस्ते का मज़ा हम उठा ना सकेदिल की हो ऐसी इक दुनिया जहाँकोई आये वहाँ तो फिर जा ना सके -
मंज़िल की तलब थी हमें इस कदररस्ते का मज़ा हम उठा ना सकेदिल की हो ऐसी इक दुनिया जहाँकोई आये वहाँ तो फिर जा ना सके