उलझन सुलझन के ताने बाने से बनी है खट्टी मिठी बातों से बहोत खुब रंगी है अच्छे बुरे अनुभवों की अनमोल देन है ऐ जिदंगी तु तो बड़ी खुबसूरतसी हसीन है...!!— % &
वो मेरी मुस्काती गुड़ीया,और छोटे छोट वोे बरतन जिसके साथ खेलते, खो जाते तनमन... रंगबिरंगी तितलियों संग,फुलवारी में भटकना पतंगो के संग आसमां को छुना... मासुमियत भरा बचपन लगाए अटखेलियाँ, जब झुला झुलाए सहेलियाँ... वक्त के साथ पिछे छुटा ऐसा बचपन,जीए हो जमाना हुआ जैसे...!!