Pal Kumbhare   (पल, कविता आणि बरच काही..)
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Amateur poet, loves to write. Most oof the poems are on heartbreak and love.
Joined 6 July 2017


Amateur poet, loves to write. Most oof the poems are on heartbreak and love.
Joined 6 July 2017
4 APR AT 23:31

पहाड़
पहाड़ों ने सिखाया हैं जाड़ों से जुड़ कर रहना..
चाहें कितना भी आगे बढ़ो, अपनों को साथ लेके चलना..
दुनिया में घुलमिल कर भी अपना मुक़ाम हासिल करना...
एक जैसे होकर भी, अपनी एक अलग जगह बनाना..

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4 APR AT 23:11

Wait in one line...!!

The difference between
a breath I take before I see you and when I see you...!!!

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4 APR AT 23:01

चाँद से दोस्ती हुई तो सुकून का मतलब समझ आया...
चाँद से दोस्ती हुई तो तनहाई का मतलब समझ आया..
एक तरफ़ा नाता निभाने का जुनून समझ आया..
क्या होता हैं किसी के लिए तड़पना, वो एहसास समझ आया...
चुप रहकर किसी के लिए बेह जाना समझ आया..
दुर रहकर भी अपना बन के रहना समझ आया..
किसी को खो कर भी उसे पाना समझ आया..
और न जाने इन सब मे कब ख़ुद को पाना समझ आया...!!

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4 APR AT 22:36

एक उम्मीद सी थी के बुरे वक्त में तु साथ खडा रहेगा..
सोचा नहीं था के तु भी कभी उस वक्त से ज़्यादा दर्द देगा...
चाहा था तु मेरी अच्छाई याद दिलाए...
पर नसीब देखो हमरा, बैठे तुम हमारी गलतियां गिनाए...
हाँ, हुई हैं गलती मुझसे के तुझसे नजदीकियां बढ़ाई..
हुई हैं ग़लती मुझसे के तेरी हर कहानी अपनी समझ के सुनी..
दोस्ती शिद्दत से निभाने की सज़ा तो आज हमें मिलीं हैं..
बस याद रखना इतना, के आज तुमने एक खास इंसान खोने की शुरुआत की हैं..
आज तुमने एक सच्चे दोस्त को दोस्ती की औक़ात दिखाई हैं...!!

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30 MAR AT 13:11

Non Fasting Products:
Tandalache (Rice) Papad - ₹ 300/- for 100 pieces
Nachani (Red millet/Ragi) Papad - ₹ 300/- for 100 pieces
Kurdai - ₹ 450/- kg

Fasting Products:
Batata (Potato) Papad - ₹ 400/- for 100 pieces
Batati Chakli - ₹ 450/- kg
Sabudana Papadi - ₹ 450/- kg

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25 MAR AT 18:38

आई-वडील...

स्वार्थी जगात एकमेव निस्वार्थी असं नातं, म्हणजे आई अणि वाडील...

नेहमी मुलांचेच कौतुक आई-वडीलांनी करावे असे कुठे लिहिले आहे..???

कधीतरी मुलांनीही प्रेमाची पावती त्यांना दिली म्हणुन कुठे बिघडले???

आजचा हा छोटासा प्रयास याचसाठी...

लहानपणापासून वैगेरे सुरुवात नाही करत, कारण जेवणाची वेळ कवितेतच निघुन जाईल..

आम्ही "मोठे" झालो अणि होत राहू, कारण तुम्ही तुमची स्वप्ने छोटी केलीत...

आम्हाला उंच उडता यावे म्हणुन तुमच्या आकांक्षांची पुरचुंडी तिजोरीत ठेवलीत...

आज आम्ही धाउ शकतो कारण पायांना गति तुम्ही दिलीत...

उंच भरारी घेण्याची ताकत पंखात आमच्या तुम्हीच भरलीत...

गरुडाची झेप घेतली तरी, जमिनीला धरून रहायची शिकवण ही तुम्हीच दिलीत..

किती ही मोठे झालो तरी तुम्हीच मुळे आहात आमची..

कितीही यशस्वी झालो तरी, तुमच्याशिवाय त्याला किम्मत नाही..

किती ही नाव कामावले तरी तुमच्या शाबासकी शिवाय त्याला अर्थ नाही...!!

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20 OCT 2023 AT 22:14

ज़िंदगी

ज़िंदगी ने अभी तक बहुत कुछ सिखाया हैं..!!!

दूध के जले है हम छाच भी फूंक के पीते हैं..!!

आधी ज़िंदगी गुज़र गयी धोके खाते..!!!

अब आधी जिनी है बिना अफ़सोस के...!!

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15 SEP 2023 AT 16:52

पाहताक्षणी एखादी व्यक्ति आवडणं हे 'आकर्षण' असतं,
परत पहावसं वाटणं हा 'मोह' असतो, त्या व्यक्तिच्या जवळून जाण्याची इच्छा असणं ही 'ओढ' असते, त्या व्यक्तिला जवळून जाणणं हा 'अनुभव' असतो, आणि त्या व्यक्तिला तिच्या गुणदोषांसह स्विकारणं हेच खरं "प्रेम" असतं !!!

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13 SEP 2023 AT 13:50

क्यूँ किसी को कुछ कहना गुन्हा हो जाता हैं ???
क्यूँ किसी से छोटी सी उम्मीद रखना पाप हो जाता हैं ???
जब तक सब मानो कहना सबका, सिर आँखों पर बिठाते हैं ???
जैसे ही रखो अपना कहना, bagawat पर उतर आते हैं ???
अपना समझ के कुछ कहने कि भी आझादी नहीं जिन रिश्तों में ???
क्या लेकर साथ चलना ज़रूरी हैं उन्हें ज़िंदगी में ???

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13 SEP 2023 AT 12:31

Bachpan ki khwaishe bade hote hote kisi almari me kho si gayi thi,
Apno k sapne pure karte karte khud k khwab bhul rahi thi..
Bada ban k ne daud me, choti choti khushiya chhut si rahi thi..
Ab soch liya hai khud k kiye kuch karna hai,
Duniya k nazro me nahi apne nazro me uncha uthna hai..
Aur har din khud ka better version ban na hai..!!!

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