26 JUN 2017 AT 21:21

ईदी
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एक मुस्कान भेज दो।
दिल को सुकून दे दो।।

यूँ घर में खामोश न रहो।
फोन में ही कुछ तो कहो।।

अचानक से अंजान न बनो।
मेरे दिल की धड़कन तो सुनो।।

सुबह से बैठा हूँ तुम में ही खोया हूँ।
प्यार की कशिश में बहुत रोया हूँ।।

आज पर्व में कैसे बेजान पड़ा है तन मेरा।
क्या नहीं मिलेगी ईदी नहीं खिलेगा मन मेरा!!

- ओम