Om prakash Jha   (OPJ)
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Joined 18 October 2017


Joined 18 October 2017
4 APR 2020 AT 0:31

तेरे बिना जीना सीख लिया हमने
तेरे बिना चलना सीख लिया हमने
नहीं ज़रूरत अब मुझे तेरी मोहब्बत की
तेरे बिना अब खुश रहना सीख लिया हमने||

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15 MAR 2020 AT 21:19

दूसरो की खुशी के लिए खुद को खो रहा हूँ
अपने कल के लिए मै अपना आज खो रहा हूँ||

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15 MAR 2020 AT 17:22

कमी नहीं है, पर किसी का साथ नहीं
हर कोई पास है, पर कोई ख़ास नहीं
चेहरे रोज दिखते है, पर उनमें वो बात नहीं
कुछ इस तरह हो गई है ज़िन्दगी
ज़िंदा तो है हम पर जीने की आस नहीं||

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11 MAR 2020 AT 19:21

शिकायतें तो लाखों रहती होंगी उसे भी मुझसे
मगर करे कोई ज़िक्र मेरा तो तारीफों के पूल बाँध दिया करता है|
गंवारा नहीं उसे कि कोई गन्दी नज़रों से देखे मुझे
कमज़ोर न पड़ जाऊँ इसलिए मेरे कंधे पर हाथ रख दिया करता है|
मैं खुश- नसीब हूँ कि वो मुझे खोने से डरता है||

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10 MAR 2020 AT 20:32

तुमने जो मनाई थी दिवाली मेरे दिल को जला कर
अब होली भी मना लो बची ख़ाक को गुलाल की तरह लगा कर||

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2 MAR 2020 AT 12:46

नज़र मे इतने शिक़वे लाते कहाँ से हो,
ज़ुबां पे इतना ज़हर लाते कहाँ से हो,
इन्सान की ना सही, उसके दिल की तो कद्र किया करो,
खामखां हर बात का बतंगड़ बनाना सीखते कहाँ से हो||

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21 FEB 2020 AT 23:06

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21 FEB 2020 AT 19:49

उन्हें एहसास हुआ है इश्क का हमे रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ याद करते हैं लोग किसी को दफनाने के बाद।।

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5 DEC 2018 AT 20:12

उन दिनों एेसा होता था
हम ऐसे रहते थे, लड़ते थे, खेलते थे
तू रोता था, मैं हँसता था||

ये तस्वीरें, कई भावुक क्षण समेत लेती है
एक नज़र देखने मात्र से
एक नई दुनिया घुमा लाती है||

वो दुनियाँ जिसमे हम बस जाना चाहते हैं
अपनी ज़िंदगी के कुछ पलों को वही रोक कर उस पल मे डूबना चाहते हैं||

वो एक अलग ही दुनिया होती है
जिसकी हर बारीक चीज़ भी हमे याद होती हैं|
वो तुम्हारा मार के भाग जाना
फिर मेरा रोते हुए मम्मी के पास जाना
फिर मम्मी का तुम्हे झूठ-मूठ का मारना
और फिर अंत मे तुम्हारा "कुट्टा" हो जाना||

पर आज वो लड़ाई की यादें भी मुस्कान लाती है हमारे चेहरे पर
जी करता है कि एक बार
बस एक बार
वो सारी चीज़े तस्वीरों से बाहर आए
ताकि हम उन पलो को एक बार फिर जी पाए
ज़िंदगी उसी वक्त पर रुक जाए
और हम तुम संग कुछ पल और बिता पाए||

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4 DEC 2018 AT 14:27

हिम्मत हैं, विश्वास हैं
बुने हैं जो सपने
करना उनकों साकार हैं||

हार नहीं मानूँगा
शस्त्र नहीं डालूँगा
देखे हैं कुछ सपने
साकार उन्हे कर दिखाऊँगा||

रोड़े राह मे हो हज़ार
या हो सैकड़ों कठिनाईयाँ
कर लिया जो संकल्प एक बार
अथक प्रयास, जुनून एवं अभिप्रेरणा से
इन सपनों को करना है साकार||

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