डर लगता है हरे रंग वालों से,
डर लगता है नारंगी रंग वालों से,
जो ना घर के है और ना ही अपने बनाने वालों के।
मकसद इनका बस बटवारा होता है,
क्यों के ये ना देश के है और ना ही देश वालों के।
ज़बान पर तो अल्लाह और भगवान का नाम होता है,
पर दिल में ना कानून और ना ही ऊपर वाले का डर होता है।
सोच इनकी इतनी छोटी के इतना भी ना समझ सकते,
जो बटवारा चाहे, वो इस देश में नहीं रह सकते।
किसी के हाथों में हथियार, तो किसी के हाथ जनता के सामने जुड़े होते हैं,
कोई मारने को तो कोई वोट मांगने को खड़े होते हैं।
दुश्मन दोनों ही इस देश के बराबर हैं,
क्यों के उनका लालच ही उनका विशंभर है।
अपने स्वार्थ के लिए देश के रक्षकों का नाम लाते हैं,
और अपने ही लालच के लिए उनकी बली भी चढ़ाते हैं,
और जो भी आवाज़ उठाए उसे देशद्रोही बताते हैं।
गलत करने वालों बढ़ावा और सम्मान देते हैं,
बटवारा में जो हाथ बढ़ाए, उसे अपने दिल में जगह देते हैं।
ऐसे लोगों से एक ही बात कही जा सकती है,
के ढूंढ को ऐसा मिलाप कहां है,
नहीं मिलेगा कहीं क्यों के मेरा भारत महान है।
तुम्हारी हर साजिशें भी होंगी नाकाम,
क्यों के मेरा भारत हैं महान।
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